आज् दिल बहोत रोना चाहता था
पर दिलको इजाजत नही
उस दिलसे जो इसमे बैठा है.
मानाके थक गया वो
मनाके उस दिलको,
पर दिल है जो खुदको गावा बैठा है
अब क्या फायदा रोनेका
जब रोना चाहा ना रो सका
अब उसे आदतसी हो गयी है खुशियोन्की
..पिनल चौधरी.
..पिनल चौधरी.
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